The Story is Old but Still Relevant Today

 एक होस्टल कैंटीन वाले के रोज़-रोज़

    नाश्ते में खिचड़ी दे देने से परेशान.....???

      85 छात्रों ने होस्टल वार्डन से 

     शिकायत कर दी, और 

   बदल-बदल के नाश्ता देने को कहा...

    100 में से सिर्फ 15 छात्र ऐसे थे, जिनको खिचड़ी बहुत पसंद थी,

       और वो छात्र चाहते थे, कि खिचड़ी तो रोज़ ही बने..?

            बाकी के 85 छात्र परिवर्तन चाहते थे....

         वार्डन ने वोट करके

    नाश्ता तय करने को कहा कि जिसे जो चाहिए वो लिखो वोट में गिना जाएगा

        उन 15 छात्रों ने, जिनको ...

           खिचड़ी बहुत पसंद थी,

           खिचड़ी के लिए वोट किया.

            बाकी बचे 85 लोगों ने 

   आपस में कोई सामंजस्य नहीं रखा,

   और कोई वार्तालाप भी नहीं किया,

    और अपनी बुद्धि एवम् विवेक से 

    अपनी रूचि अनुसार वोट दिया.

  14 ने छोले भटूरे,

  13 ने डोसा चुना,

  12 ने परांठा,

  11 ने रोटी,

  10 ने ब्रेड बटर,

  9 ने नूडल्स,

  8 ने पूरी सब्जी, और 8 ने कहा कि रोज अलग डिस का नाश्ता मिले, को वोट दिया.

       🤔  अब सोचो  🤔

         क्या हुआ होगा ?

       उस कैंटीन में आज भी

 वो 85 छात्र, रोज़ खिचड़ी ही खाते हैं.

क्यों - क्योंकि वो 15 छात्र बहुमत में व एकजुट रहे...!

शिक्षा👉🏻  जब तक हिस्सों में 85% बंटे रहोगे,

तब तक 15% वालों का वर्चस्व रहेगा.

समाज के लिये संदेश

 👉🏽 एक बनो, संगठित रहो !!

नही तो खिचड़ी ही खानी पड़ेगी

Dahariyapur Village Bidhuna



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